मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में निगरानी विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, तकनीकी परीक्षक कोषांग तथा आर्थिक अपराध इकाई के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निगरानी विभाग के गठन, उद्देश्य एवं कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सक्षम, कारगर, गतिशील एवं संवेदनशील व्यवस्था बनाकर राज्य प्रशासन को भ्रष्टाचार मुक्त बनाकर कार्य किया जा रहा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक श्री जे०एस० गंगवार ने दर्ज मुकदमों का अनुसंधान एवं कार्रवाई को लेकर विस्तृत जानकारी दी। विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक श्री पंकज दराद ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में इस इकाई का गठन वर्ष 2006 में किया गया था।
यह राज्य के निगरानी विभाग को सशक्त और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में अपना योगदान दे रहा है। आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक श्री नैय्यर हसनैन खां ने जानकारी देते हुये बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में वर्ष 2011 में आर्थिक अपराध इकाई का गठन किया गया है। यह इकाई आर्थिक और साइबर अपराधों की जांच बेहतर ढंग से कर रहा है। तकनीकी परीक्षा कोषांग के इंजीनियर-इन-चीफ श्री रवि कुमार ने बताया कि इस विंग के द्वारा गंभीर तकनीकी प्रकृति के भ्रष्टाचार की जांच की जाती है तथा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो एवं विशेष निगरानी इकाई को तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार के निवारण हेतु जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्रवाई की जाती है। राज्य प्रशासन को पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त होकर लोगों के लिए काम करना है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, तकनीकी परीक्षा कोषांग, आर्थिक अपराध इकाई अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है। निगरानी विभाग संवेदनशील एवं गतिशील होकर भ्रष्टाचार पर और कारगर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाएं। दर्ज मामलों का तेजी से अनुसंधान कर त्वरित निष्पादन करें। विभाग के स्तर से ऊपर से नीचे तक कार्य पद्धति की बेहतर ढंग से मॉनीटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कंट्रोल रूम, टॉल फ्री नंबर आदि के माध्यम से शिकायत दर्ज करने के लिए लोगों को जागरूक करें। शिकायतकर्ता को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उनकी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करनेवाले तंत्र और व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखें ताकि आमजन को मिलनेवाली सुविधाओं और योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके। अंचल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, थाना, इंजीनियरिंग और प्रशासनिक विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, खनन, परिवहन आदि विभागों पर विशेष नजर
रखें। जिलाधिकारी भी अपने स्तर पर मॉनीटरिंग कर त्वरित कार्रवाई करें ताकि आम जन को किसी प्रकार की असुविधा न हो एवं प्रशासन के प्रति उनका विश्वास और बढ़े। मनरेगा सहित अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का औचक निरीक्षण कर योजनाओं की जानकारी लें, गड़बड़ी मिलने पर त्वरित जांच कर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण को लेकर सभी मुस्तैदी से काम करें, किसी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक श्री जे०एस० गंगवार, विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक श्री पंकज दराद, आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक श्री नैय्यर हसनैन खां, आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो, तकनीकी परीक्षक कोषांक के इंजीनियर-इन-चीफ श्री रवि कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।